पीएम मोदी ने संकेत दिया कि गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) ने अपना उद्देश्य पूरा कर लिया है और अब भारत पूरी दुनिया के मित्र विश्वामित्र के रूप में उभरा है। “अब, भारत की स्थिति अलग है। हम अब विश्वामित्र के रूप में विकसित हो गए हैं... G20 में, हमने एक जैव ईंधन गठबंधन बनाया है। यह एक बड़ा आंदोलन होगा और भारत उस आंदोलन का नेतृत्व करेगा, ”मोदी ने कहा।
क्या विश्व सरकार संभव है? क्या वैश्विक गवर्नेंस असंभव है? सनातन धर्म विश्वकल्याण के लिए वैश्विक गवर्नेंस का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। कोरोना संकट से निपटने और G-20 की सफलता से 76% रेटिंग के साथ विश्व नेता बने मोदी। विश्व नेताओं ने वैश्विक शांतिदूत के रूप में मोदी की प्रशंसा की है। 2+2 नहीं 4: गठबंधन की राजनीति का अंत। गुटनिरपेक्षता से आगे बढ़
कर अब भारत और उसके प्रधानमंत्री स्वयं को "विश्व मित्र" के रूप में प्रतिष्ठापित कर चुके हैं।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "हमें उन मुद्दों को उनके रास्ते में नहीं आने देना चाहिए जिन्हें हम मिलकर हल नहीं कर सकते।"
पी एम मोदी के उक्त कथन के सन्दर्भ में मुझे विश्वामित्रा द्वारा मित्र राजा त्रिशंकु के लिए जो नया स्वर्ग बनाया था उस घटना का स्मरण हो रहा है। त्रिशंकु इक्ष्वाकु वंश का एक राजा था जिसे ऋषि विश्वामित्र ने सशरीर स्वर्ग भेजा था। देवराज इन्द्र ने उसे स्वर्ग से वापस पृथ्वी की ओर धकेल दिया। नीचे गिरते हुये त्रिशंकु को ऋषि विश्वामित्र ने बीच में ही लटका कर उसके लिये स्वर्ग का निर्माण किया तथा वह अपने स्वर्ग के साथ आज भी वास्तविक स्वर्ग और पृथ्वी के बीच दूसरे स्वर्ग में है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रिकॉर्डेड बयान में कहा, "पिछले कुछ वर्षों का अनुभव - वित्तीय संकट, जलवायु परिवर्तन, महामारी, आतंकवाद और युद्ध - स्पष्ट रूप से दिखाता है कि वैश्विक शासन विफल हो गया है।"
वो देखते कैसे है... वो बोलते कैसे हैं...वो चलते कैसे हैं.... वो मिलते कैसे हैं... वो खाते क्या हैं वो पहनते क्या हैं सभी पर भारत ही नहीं दुनिया की निगाहें रहती हैं। अमेरिकी मार्केटिंग गुरु और ब्रांडिंग पर कई पुस्तकों के लेखक डेविड आकर ने अप्रैल 2012 के ब्लॉग पोस्ट में लिखा था कि प्रत्येक व्यक्ति का एक ब्रांड होता है जो प्रभावित करता है कि उस व्यक्ति को कैसे देखा जाता है और क्या उसे पसंद किया जाता है और उसका सम्मान किया जाता है।
पीएम ने लोकसभा में संसद के विशेष सत्र सितंबर 2023 को संबोधित किया: "जी20 के दौरान, भारत 'विश्व मित्र' के रूप में उभरा": उन्होंने कहा, "यह सभी के लिए गर्व की बात है कि भारत ने 'विश्व मित्र' के रूप में अपनी जगह बनाई है ' और पूरी दुनिया भारत में एक दोस्त देख रही है।' इसका कारण वेदों से लेकर विवेकानन्द तक मिले हमारे संस्कार हैं। सबका साथ सबका विकास का मंत्र हमें दुनिया को अपने साथ लाने के लिए एकजुट कर रहा है”
“क्या हम एक छोटे कैनवास पर बड़े चित्र बना सकते हैं? अगर हम अपने विचारों का दायरा नहीं बढ़ा सके तो नए भारत की तस्वीर नहीं बना पाएंगे। अगले 25 वर्षों के अमृत काल में भारत को बड़े कैनवास पर काम करना है।“ मोदी
पीएम मोदी ने जीवन की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने और कुशल जनशक्ति की वैश्विक आवश्यकता को पूरा करने में भारत कैसे मदद कर सकता है, इसके बारे में भी बात की। “हमने 150 नर्सिंग कॉलेज खोले। पूरी दुनिया में नर्सों की भारी मांग है। हम दुनिया को कुशल जनशक्ति प्रदान करेंगे। इसके लिए हमें सही समय पर सही निर्णय लेने होंगे। हम खुद को राजनीतिक लाभ और हानि का बंधक नहीं बना सकते।”
विश्व-मित्र की नीति के साथ आगे बढ़ रहा भारत। पी एम मोदी ने ग्लोबल मंच पर भारत के रुख और महत्व की भी चर्चा की। उन्होंने कहा, 'शीत युद्ध में हमारी नीति गुट-निरपेक्ष देश की थी।आज हम विश्व-मित्र की नीति के साथ आगे बढ़ रहे हैं। G20 में भारत, ग्लोबल साउथ की आवाज बनकर उभरा है। G20 में जो बीज बोया गया है वो भविष्य में एक वट-वृक्ष बनकर उभरेगा'।