
Aama Pan Ke Patri lyrics : छत्तीसगढ़ का एक मशहूर जस गीत
Aama Pan Ke Patri Lyrics : हम आपको छत्तीसगढ़ के मशहूर जस गीत (jasgeet song ) यानी माता का भजन आमा पान के पतरी का हिन्दी में अर्थ बतलायेंगे। Cg Jas Geet : आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में यह मशहूर भजन नवरात्रि के अवसर पर प्राय: सुना जाता है। इस भजन को मधुर आवाज देने वाले दिलीप षडंगी (dilip shadangi) जी है। आईए इस पोस्ट में आपको इस भजन का मतलब बताते हैं।
cg song lyrics : इस गीत में देवी को प्रसन्न करने के लिये और उन्हें आमंत्रित करने के लिये आव्हान किया गया है। भक्त द्वारा माता के आगमन की जो व्याकुलता है उसे इस गीत में बतलाया गया है। साथ ही माता के सुंदर रूप और आभूषण की प्रशंसा भी इस गाने में की गई है। इस प्रकार से यह गाना पूरी तरह से माता के आभूषण और नवरात्रि के अवसर पर पूजा-पाठ का मेल जोल है।
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आम के पत्ते का पत्तल एवं करेले के पत्ते के दोने बनाये हैं
हे माँ तुम झूपती हुई चली आना
आम के पत्ते का पत्तल एवं करेले के पत्ते के दोने बनाये हैं
हे माँ तुम झूपती हुई चली आना
मैं तुम्हारा रस्ता देखते हुए तुम्हारी पूजा कर रहा हूँ
तुम झुपते हुए चली आना
लाल रंग की साड़ी में
है माँ तुम झूपती हुई चली आना
तुम्हारी नाक में नथ एवं कान में कुंडल बहुत सुंदर लग रहे हैं
हे माँ तुम झूपती हुई चली आना
तुम छम छम कर के अपने पायल बजा देना
हे माँ तुम झूपती हुई चली आना
आमा पान के पतरी करेला,
पान के दोना ओ,
झुपत झुपत आबे,
दाई दाई मोर अंगना ओ।।
रस्ता ला देखव तोरे,
करथव बंदना ओ,
झुपत झुपत आबे,
दाई दाई मोर अंगना ओ।।
लारी लारी लुगरा मा,
सजा दे चंदना ओ,
झुपत झुपत आबे,
दाई दाई मोर अंगना ओ।।
नाक नथनिया सोहे,
काना मा कुण्डाला ओ,
झुपत झुपत आबे,
दाई दाई मोर अंगना ओ।।
झम झम बजा देबे,
दाई तोर पैजनिया ओ,
झुपत झुपत आबे,
दाई दाई मोर अंगना ओ।।
आमा पान के पतरी करेला,
पान के दोना ओ,
झुपत झुपत आबे,
दाई दाई मोर अंगना ओ।।