
Bangladesh Economy – भारत के पड़ोसी देशों को आर्थिक रूप से तंगी का सामना करना पड़ा रहा है। हालात पहले श्रीलंका के खराब है ही लेकिन अब भारत के एक और पड़ोसी देश का हाल भी बेहाल हो चुका है। जी हां हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान से अलग होकर नया मुल्क बना बंगलादेश जो अब श्रीलंका की राह पर जा रहा है।

क्या है कारण बंगलादेश के पिछडऩे का:
bangladesh currency- बांग्लादेश के पिछडऩे का कारण है वहॉ की मुद्रा का समाप्त होना। बांग्लादेश ने जो भी समझौते विदेशों से किये थे उसके मुताबिक विदेश के मार्केंट में उस वस्तुओं की कीमतें बढऩे से बुरा हाल हुआ है। माना जा रहा है कि बांग्लादेश की आयात में बढ़ोत्तरी दर्ज होना भी पिछडऩे का एक कारण है।
विदेश मुद्रा और व्यापारिक घाटा से परेशान बंग्लादेश
बांग्लादेशमें व्यापार घाटा बढ़ा और विदेशी मुद्रा भंडार पर काफी दबाव बढ़ा है इसी कारण से बांग्लादेश में पिछले कई माह से धीरे-धीरे व्यापार घाटा बढ़ रहा है.
५ महीनों का ही खर्चा उठाने में सक्षम बंगलादेश
रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश में गरीबी इतनी ज्यादा कर्ज होने से बढ़ रही है कि अगर आयात के खर्चें की बात की जाये तो सिर्फ 5 माह ही आयात का खर्च वहन कर पाएगा बांग्लादेश
बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार धीरे-धीरे खाली होता जा रहा है. जितनी देश में विदेशी मुद्रा बची है, उससे अगले 5 माह तक ही आयात का खर्च वहन किया जा सकता है. वैश्विक बाजार में अगर कीमतें और बढ़ती हैं तो बांग्लादेश का आयात खर्च और बढ़ेगा एवं विदेशी मुद्रा भंडार 5 माह से पहले ही समाप्च होने की उम्मीद है.
विदेशी फंड के बढ़ते बोझ से बेहाल बांग्लादेश
विदेशी फंड बढऩा एक बंगलादेश की पराजय की वजह माना जा रहा है। इसके कारण निर्यात के्रेडित फंड पर भी असर देखने को मिल रहा है। बांग्लादेश के पास 42 अरब यूएस डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है, लेकिन बांग्लादेश पर ढ्ढरूस्न लगातार दबाव बना रहा है कि वे अपने विदेशी मुद्रा भंडार की सही गणना करे.
