Chhattisgarh

chhattisgarh news : छत्तीसगढ़ में जनजातीय संस्कृति के संरक्षण के लिये हो रहा प्रयास

 छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव का पहली बार आयोजन हो रहा है। यह आयोजन सांस्कृतिक दृष्टि से अन्य समाजों और जनजातीय समाज के बीच निश्चित रूप से सेतु का काम करेगा।

सीएम बघेल ने विश्व में जनजातियों के अस्तित्व को लेकर जताई चिंता

सीएम बघेल ने कहा कि चिंता का विषय है कि विश्व में बहुत सी जनजातियों का अस्तित्व समाप्त हो रहा है, जिससे उनकी संस्कृति विलुप्त हो रही है।
छत्तीसगढ़ की चर्चा देश-दुनिया में यहां की समृद्ध संस्कृति के लिए हो रही है। हमारी सरकार ने जनजातियों की संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण के लिए आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन कराया, जिसका स्वरूप अंतर्राष्ट्रीय हो गया।

छत्त्तीसगढ़ में जनजातीय संस्कृति के संरक्षण के लिये हो रहा ये प्रयास

अब आदिवासी समाज में इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव (National Tribal Literature Festival) के साथ ही तीन दिन तक यहां राज्य स्तरीय कला एवं चित्रकला प्रतियोगिता एवं नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जनजातीय संस्कृति ( rashtriya janjati mahotsav)  के संरक्षण के लिए स्कूली स्तर भी पहल की है। इसके लिए प्रदेश में 16 प्रकार की बोली में पाठ्य पुस्तक तैयार की गई है।
अब प्रदेश में कक्षा पहली और दूसरी के बच्चे अपनी स्थानीय भाषा में पढ़ाई कर रहे हैं। जनजातीय भाषाओं, बोलियों, कला-परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए बस्तर में बादल अकादमी की स्थापना की गई है। इसी तरह की अकादमी अन्य जनजातीय बहुलता वाले जिलों में भी स्थापित की जा रही है। उन्होंने कहा कि साहित्य, नृत्य, चित्रकारी का प्रदर्शन निश्चित रूप से सभी समाज को जोडऩे में सेतु का कार्य करता है।
छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी हितों के संरक्षण के प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार में आदिवासियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए वन अधिकार पत्र प्रदान सरकार की इसी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उनके रोजगार के लिए वन क्षेत्रों में फलदार वृक्ष लगाने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है, इससे वनों में वृक्षों के संरक्षण के साथ ही वनवासियों को उनकी जरूरत की चीज उपलब्ध होगी।
प्रदेश में प्रयास विद्यालय के माध्यम से जनजातीय समाज के बच्चों को इंजीनियरिंग और मेडिकल पढ़ाई के लिए प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जनजातीय परंपरा और साहित्य को लिपिबद्ध किया जाना जरूरी है।
जंगल का संरक्षण आदिवासी करते हैं। देश में 80 प्रतिशत वनोपज की खरीदी छत्तीसगढ़ राज्य से होती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए 171 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ किए हैं। जिसका लाभ जनजातीय समाज के बच्चों को भी मिल रहा है।

 chhattisgarh news, राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव , National Tribal Literature Festival, rashtriya janjati mahotsav, chhattisgarh live news,

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button