May 31, 2023
orig untitled11 1653347771

orig untitled11 1653347771

श्री अमृत लाल मीणा ने रायपुर में मंत्रालय महानदी भवन में छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन के साथ बैठक के साथ अपने दौरे की शुरुआत की। बैठक एसईसीएल की चल रही खनन परियोजनाओं से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने और खानों के अधिक कुशल संचालन के लिए राज्य सरकार के साथ बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए आयोजित की गई थी। श्री मीणा के साथ श्रीमती विस्मिता तेज, अपर सचिव, कोयला मंत्रालय और एसईसीएल के सीएमडी डॉ. प्रेम सागर मिश्रा भी थे।

पर्यावरण मंजूरी, वन मंजूरी, भूमि अधिग्रहण, विशेष रूप से गेवरा, दीपका और कुसमुंडा जैसे एसईसीएल की मेगा परियोजनाओं के संबंध में पुनर्वास और पुनर्स्थापन के लिए राज्य सरकार से सहयोग सहित एसईसीएल के संचालन से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श केंद्रित था। बैठक के दौरान कोयला सचिव ने राज्य सरकार और अन्य हितधारकों के साथ प्रभावी समन्वय के साथ परियोजनाओं को समयबद्ध पूरा करने पर जोर दिया।

एसईसीएल (SECL)की गेवरा मेगा परियोजना हाल ही में 50 मिलियन टन कोयला उत्पादन हासिल करने वाली देश की पहली खान बन गई है। इसे वर्तमान में 70 मिलियन टन उत्पादन प्राप्त करने के लिए विस्तारित किया जा रहा है जो इसे एशिया में सबसे बड़ी कोयला उत्पादक खदान बना देगा। श्री एस.के. पाल, निदेशक तकनीकी संचालन, और श्री एस.एन. कापड़ी, निदेशक तकनीकी (परियोजना और योजना) सहित राज्य सरकार के उच्च अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

कोयला सचिव ने एसईसीएल मुख्यालय में एसईसीएल के सीएमडी डॉ. प्रेम सागर मिश्रा की उपस्थिति में महाप्रबंधक, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) श्री आलोक कुमार के साथ भी बैठक की। बैठक कोरबा और मांड-रायगढ़ कोयला क्षेत्रों से कोयले की निकासी पर केंद्रित थी। एसईसीएल के कोयला प्रेषण, रेलवे रेक की उपलब्धता, एसईसीएल की रेल परियोजनाओं आदि से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। चर्चा के दौरान एसईसीआर और एसईसीएल के वरिष्ठ पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ दौरे के दूसरे दिन कोयला सचिव श्री मीणा ने छल साइडिंग का उद्घाटन किया और रेल रैक को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर एसईसीएल के सीएमडी डॉ. प्रेम सागर मिश्रा और एसईसीएल के कार्यकारी निदेशक भी उपस्थित थे।

समारोह को संबोधित करते हुए कोयला सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत देश में कोयले की ढुलाई के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है और नया रेल गलियारा इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। श्री मीणा ने स्थानीय प्रशासन और निवासियों से देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में हर संभव सहयोग देने का आह्वान किया।

छल साइडिंग का निर्माण छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड (सीईआरएल) फेज वन परियोजना के तहत किया गया है और यह रायगढ़ क्षेत्र की छल खदान को सीधे रेल मार्ग से जोड़ेगी और यहां से सीधे रेल द्वारा कोयले का प्रेषण किया जाएगा। 3000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बन रही छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड (सीईआरएल) फेज 1 परियोजना का लक्ष्य मांड-रायगढ़ कोलफील्ड्स को रेल से जोड़ना है। 124 किलोमीटर लंबी इस परियोजना के तहत खरसिया से धरमजयगढ़ तक 74 किलोमीटर लंबी मेल लाइन चालू हो चुकी है। इसमें घरघोड़ा से पेल्मा तक स्पर लाइनें और छल, बड़ौद और दुर्गापुर से फीडर लाइनें भी शामिल हैं।

कोयले के भंडार की दृष्टि से कोरबा कोलफील्ड्स के बाद मांड-रायगढ़ कोलफील्ड्स का स्थान आता है और जैसे-जैसे कोयला उत्पादन बढ़ेगा, ये रेल परियोजनाएं आने वाले समय में अधिक से अधिक कोयला भेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

कोयला सचिव ने अपने दौरे के दूसरे दिन एसईसीएल के कोरबा कोलफील्ड्स में छत्तीसगढ़ ईस्ट वेस्ट रेलवे लिमिटेड (सीईडब्ल्यूआरएल) परियोजना के तहत गेवरा रोड से पेंड्रा रोड तक बन रही रेलवे लाइन का निरीक्षण किया। उन्होंने एसईसीएल के सीएमडी डॉ. प्रेम सागर मिश्रा व एसईसीएल के कार्यकारी निदेशकों के साथ उरगा कुसमुंडा कनेक्टिविटी लाइन के पुल संख्या 3 का निरिक्षण किया।

कोरबा कोलफील्ड में संचालित एसईसीएल की मेगा परियोजनाओं से कोयले की ढुलाई में यह परियोजना अहम भूमिका निभाएगी। यह परियोजना 191 किमी लंबी है जिसमें 135.3 किमी की मुख्य लाइन का कार्य शामिल है। इस परियोजना में गेवरा रोड, सुरकछार, दीपका, कटघोरा रोड, बिझारा, पुटुआ, मतीन, सेंदुरगढ़, पुट्टीपाखाना, भादी, धंगावां और पेंड्रा रोड स्टेशन शामिल हैं। इन स्टेशनों पर पूरे कॉरिडोर में रेलवे लाइन के साथ-साथ यात्री सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। सीईडब्ल्यूआरएल परियोजना की कुल लागत लगभग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *