Chhattisgarh

godhan nyay yojana : छत्तीसगढ़ की सफलता

गोधन न्याय योजना (godhan nyay yojana Chhattisgarh) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सोच और उनकी ही पहल का परिणाम है   गोधन न्याय योजना से राज्य में 2 लाख 11 हजार से अधिक ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं।   आईये हम गोधन न्याय योजना की सफलता से होने वाले फायदे और गोधन न्याय योजना से कैसे छत्तीसगढ़ के साथ-साथ विदेश तक इसकी चर्चा हो रही है इसका कारण क्या है इस बारे में जानिये।

गोधन न्याय योजना को मिला अवार्ड, सफलता का प्रतीक

मुख्यमंत्री श्री बघेल (cm baghel newsने कहा कि गोधन न्याय योजना की सफलता की चर्चा आज देश के अन्य राज्यों में भी होने लगी है और इस योजना को अपने राज्य में लागू करने के लिए आकर्षित हो रहे हैं।  इसका ही नतीजा है कि छत्तीसगढ़ के गोधन न्याय योजना को राष्ट्रीय एलेट्स इनोवेशन  अवार्ड मिला है।  एलेट्स आत्म निर्भर भारत समिट में छत्तीसगढ़ राज्य को कृषि में इनोवेशन केटेगरी में यह अवार्ड प्रदान किया गया।  

 

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गोधन न्याय योजना (godhan nyay yojana) से हुए यह लाभ 

गोधन न्याय योजना का संचालन राज्य में मिशन मोड में किया जा रहा है।  यहॉ पर हम आपको बता रहें है गोधन न्याय योजना से कैसे लाभ सीधे प्रदेश को मिल रहा है साथ ही गौठानों की क्या स्थिति है गोधन न्याय योजना से कैसे लाभ पहुंचा है।  गोधनन्याय योजना के सफल क्रियान्वयन से  3 हजारसे अधिक गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं। यह ग्रामीणों और पशुपालक कृषकों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।    गौठान तेजी से स्वावलंबी हो रहे हैं। 

महिलाओं को मिला आत्मनिर्भरता का जरिया:

 गौठानों के जरिये आय का स्त्रोत बन रहा है। इससे छत्तीसगढ़ की महिलाओं को आगे लाने का एक अवसर मिला है। बात की जाये गौठानों की तो यहॉ महिला समूहों द्वारा बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट प्लस एवं अन्य उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं।  इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ की आत्मनिर्भर महिला समूह गोबर से खाद के अलावा गोकाष्ठ, दीया, अगरबत्ती, मूर्तियां एवं अन्य सामग्रियों का निर्माण एवं विक्रय कर आय अर्जित कर रही है अब प्रदेश की महिलाओं को रोजगार मिलने का भी मार्ग प्रशस्त हो चुका है।

छत्तीसगढ़ में क्या है गौठानों की स्थिति:

राज्य में गोधन न्याय योजना के तहत अब तक स्वीकृत गौठानों 10 हजार 622 में से 8 हजार 397 सक्रिय गौठान है। इनमें पशुपालक ग्रामीणों से अब तक 136 करोड़ रूपए से अधिक की राशि के 68 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी हो चुकी है।

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