
सोनिया ( indian national congress ) का राजनीति से रिटायरमेंट का इशारा: रायपुर में चल रहे कांग्रेस के 85वें अधिवेशन के दूसरे दिन पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए एक ऐसी बात कह डाली जिसके मायने निकाले जा रहे हैं, वैसे यह बात तो लगभग तय ही है कि सोनिया गांधी भविष्य की चिंता करते हुए ही नये कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के बाद ऐसा कह रही हैं।
sonia gandhi news : सोनिया ने संबोधन में कहा था कि भारत जोड़ो यात्रा के साथ ही मेरी राजनीतिक पारी अब अंतिम पड़ाव पर है। वक्त की बात करें तो कांग्रेस में यह समय है आने वाले लोकसभा चुनाव के लिये रणनीति तैय्यार करने का क्योंकि राजनीति करनी है तो मार्गदर्शन भी जरूरी है और इसीलिये मार्गदर्शन के मद्देनजर ही यदि सोनिया गांधी ने राजनीति से रिटायरमेंट का फैसला लेने की सोच रखी होगी तो यह भी उचित होगा और यदि नहीं रखी होगी तो यह भी दूसरे दृष्टि से उचित ही है।
कहने का तात्यपर्य यह है कि सोनिया गांधी (rahul gandhi mother) हों चाहे कांग्रेस हों बीते सालों में जो कांग्रेस को पराजय मिली है उससे सीखते हुए ही राहुल गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने रणनीति बनाई है। केन्द्र की मोदी सरकार को कैसे टारगेट करना है इस बारे में भी रणनीति बनाई गई है। Nava raipur news : नवा रायपुर यहां चल रहे कांग्रेस के 85वें अधिवेशन (85th Congress convention 2023 )में पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजनीति से रिटायरमेंट का इशारा कर दिया।
राजनीति से सन्यास समय की बात
सोनिया ( congress sonia gandhi ) ने पहली बार पार्टी अध्यक्ष की कुर्सी संभालने से लेकर अब तक आए उतार-चढ़ाव को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा- 1998 में जब मैं पहली बार पार्टी अध्यक्ष बनी तब से लेकर आज तक यानी पिछले 25 सालों में बहुत कुछ अच्छा और कुछ बुरा अनुभव भी रहा। पार्टी के तीन दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन लगभग 15 हजार प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए, सोनिया ने कहा कि भारत के लोग सद्भाव, सहिष्णुता और समानता चाहते हैं। 2004 और 2009 में पार्टी का परफॉर्मेंस हो या फिर मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने का मेरा निर्णय। यह व्यक्तिगत तौर पर मेरे लिए संतोषजनक रहा।
इसके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं का मुझे पूरा सहयोग मिला। जिस बात से मुझे सबसे ज्यादा संतुष्टि है, वह ये कि भारत जोड़ो यात्रा के साथ अब मेरी पारी समाप्त हो सकती है। ये पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
विपक्षी एकता को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष (congress chhattisgarh )ने जो बात कही है उसके तहत ही यूनाइटेड विपक्ष को लेकर भी बात हुई। कांंग्रेस का मनना है कि अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए पूरे विपक्ष को एक मंच पर आना होगा। लेकिन साथ ही कांग्रेस थर्ड फ्रंट के खिलाफ भी नजर आ रही है। क्योंकि इससे कांग्रेस को नहीं अपितु भाजपा को ही लाभ मिला था पिछले लोकसभा चुनाव (loksabha 2024 election ) में।
कांग्रेस (congress election ) ने मोदी सरकार को घेरने की जुगलबंदी में सोनिया गांधी ने यह बात कबूली है कि कांग्रेस के लिये चुनौती का वक्त है मित्रों के नाम पर जो राहुल गांधी व्यापारिक साठ गाठ का आरोप लगाते रहे हैं इसी के साथ ही डीएनए की बात करते हुए केन्द्र को गरीब विरोधी बताया है। वही बात पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने भी की है और कहा कि देश में नफरत का माहौल है। सरकार रेल, जेल, तेल सब कुछ अपने मित्रों को बेच रही है। दिल्ली सरकार में बैठे लोगों का डीेएनए गरीब विरोधी है।