
New Parliament Inauguration : राष्ट्र की आकांक्षाओं का प्रतीक है नया संसद भवन
New Parliament Inauguration : हमारा वर्तमान संसद भवन देश की लोकतांत्रिक गतिविधियों का जीवंत केंद्र रहा है. हमारी प्रगति का मार्गदर्शक रहा है. यह भवन भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति तथा संविधान निर्माण से लेकर हमारी गौरवशाली लोकतांत्रिक यात्रा के दौरान अनेक ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है.
नई संसद के लोकार्पण के बाद उसके हॉल में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ. इसमें 12 धर्मों के प्रतिनिधियों ने पवित्र शब्द कहे और नई संसद के लिए प्रार्थना की. प्रधानमंत्री मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा अन्य गणमान्य सर्वधर्म प्रार्थना सभा में उपस्थित रहे.
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन के निर्माण में शामिल रहे कुछ चुनिंदा श्रमिकों से मिले. उन्होंने श्रमिकों को शॉल और गिफ्ट देकर सम्मानित किया. पीएम मोदी ने पूरे विधि विधान से पवित्र सेंगोल को नई संसद के लोकसभा कक्ष में स्पीकर की चेयर के सामने स्थापित किया. इस दौरान तमिलनाडु के अधीनम संत वैदिक मंत्रोच्चार करते रहे. पीएम के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला भी इस पूरे अनुष्ठान में शामिल रहे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज नए संसद भवन को देखकर हर भारतीय गौरव से भरा हुआ है. इसमें वास्तू, विरासत, कला, कौशल, संस्कृति और सविंधान भी है. लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पंक्षी मोर पर आधारित है, राज्यसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय फूल कमल पर आधारित है. संसद के प्रांगण में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेंगोल की पूजा की फिर सम्मान में अधीनम संतों के सामने साष्टांग हुए. इसके बाद संतों के नेतृत्व में सेंगोल को लेकर नई संसद भवन में दाखिल हुए. सेंगोल यानी राजदंड को उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच लोकसभा में स्पीकर की चेयर के ठीक सामने स्थापित किया. प्रधानमंत्री मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने नई संसद में प्रवेश से पहले हवन अनुष्ठान किया, जिसे तमिलनाडु से आए अधीनम संतों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संपन्न कराया गया. लोकसभा कक्ष में स्थापित होने वाले सेंगोल की भी पूजा की. इसके बाद पीएम मोदी ने सेंगोल और अधीनम संतों का साष्टांग प्रणाम किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद भवन ने करीब 60,000 श्रमिकों को रोजगार देने का काम किया है. इनके श्रम को समर्पित एक डिजिटल गैलेरी भी बनाई गई है. आज जब हम लोकसभा और राज्यसभा को देखकर उत्सव मना रहे हैं तो मुझे संतोष है कि हमने देश में 30,000 से ज़्यादा नए पंचायत भवन भी बनाए हैं. पंचायत भवन से लेकर संसद भवन तक हमारी निष्ठा एक ही है.