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राम वन गमन पथ : लगेंगी मूर्तियां होगा वृक्षारोपण

राम वन गमन मार्ग प्रोजेक्ट – माता कौशल्या की धरती और श्री राम के वन गमन के रास्ते इन ऐतिहासिक स्थलों को जो रामायणकालीन हैं यह छत्तीसगढ़ के लिये ही नहीं बल्कि विश्वभर के लिये धार्मिक और पर्यटन के नजरिये से ऐतिहासिक है।

 – माता कौशल्या के मंदिर जो चंद्रखुरी ( kaushalya dham chandkhuri) में है वहॉ प्रत्येक साल महोत्सव के रूप में मनाये जाने से श्रद्धालुओं का आना जाना बढ़ेगा और पर्यटन का विकास होगा। अब राम वन गमन परियोजना को लेकर जो कार्य हो रहे हैं उसमें मुख्य कार्य हैं पर्यटकों को ध्यान में रखकर आकर्षक मूर्तियां, वेलकम गेट, वृक्षों की सजावट का काम।

राम वन गमन पथ : लगेंगी मुर्तियां, वेलकम गेट और वृक्षों की सजावट

गौरतलब है कि राम-वन-गमन पथ ( ram visit in chhattisagrh ) के मुख्य मार्ग सहित उप मार्गों की कुल लंबाई 2200 किलोमीटर से अधिक है। परिपथ के मुख्य मार्ग और उप मार्गों पर निर्धारित दूरी पर वेलकम गेट और साइनेंस बोर्ड भी लगेंगे साथ ही इन मार्गों के किनारे वृक्षारोपण किया जा रहा है।

राम वन गमन पथ (Ram Van Gaman Tourism Circuit )

राम वन गमन पथ (ram van gaman marg ) के माध्यम से दुनियाभर के सामने जैव विविधता ( Biodiversity ) का दर्शन भी होगा। राम वन गमन परिपथ के रास्तों को संजोने का काम तेजी से किये जाने के निर्देश देने से अब छत्तीसगढ़ में जो वर्तमान की बघेल सरकार की परियोजना कार्य शीघ्रता से हो जायेगा।

क्या है राम वन गमन पर्यटन परिपथ :

Ram Van Gaman Path Project  – मुख्यमंत्री ने 7 अक्टूबर, 2021 को राम वन गमन पर्यटन परिपथ का शुभारंभ किया था। राम के वनवास काल से संबंधित 75 स्थानों को चिन्हित कर उन्हें नये पर्यटन सर्किट के रुप में आपस में जोड़ा जा रहा है।दरअसल छत्तीसगढ़ में वो स्थान, जहां से श्रीराम गुजरे थे उन स्थानों में सहेजने और सजावट तथा पर्यटन के नजरिये से रखरखाव करने के इरादे से राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना शुरू की गई थी।

 Chhattisgarh Ram Van Gaman Path कुल लम्बाई

( Ram van gaman path pariyojna ) राम वन गमन पथ के कुल लम्बाई लगभग 2260 किलोमीटर है। कोरिया जिले से सुकमा तक बन रहे राम वन गमन पथ में लोगों को कदम-कदम पर भगवान श्रीराम के दर्शन होंगे।रामायण के मुताबिक भगवान राम ने वनवास का वक्त दंडकारण्य में बिताया। छत्तीसगढ़ का बड़ा हिस्सा ही प्राचीन समय का दंडकारण्य माना जाता है।

इन रास्तों पर किनारे जगह-जगह साइन बोर्ड, श्रीराम के वनवास से जुड़ी कथाएं देखने और सुनने को मिलेंगी। इन रास्तों पर कई तरह के पेड़ लगाए जा रहे हैं। ये पेड़ वैसा ही महसूस कराएंगे जैसा भगवान राम के वन वास के वक्त को लेकर यादें लोगों के जेहन में हैं।

पहले चरण में उत्तर छत्तीसगढ़ में स्थित कोरिया जिले से लेकर दक्षिण के सुकमा जिले तक 9 स्थानों का सौंदर्यीकरण तथा विकास किया गया। इन सभी स्थान पहले ही प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर हैं। वृक्षारोपण के जरिए अब इन्हें और भी हरा-भरा किया जा गया।

ram van gaman path chhattisgarh –

राम वन गमन के 528 किलोमीटर मार्ग के दोनों किनारों पर डेढ़ लाख से अधिक पौधे का रोपण वन विभाग द्वारा चालू वर्ष के दौरान किया गया है। इस पूरे मार्ग पर पीपल, बरगद, आम, हर्रा, बेहड़ा, जामुन, अर्जुन, खम्हार, आंवला, शिशु, करंज, नीम आदि के पौधों का रोपण शामिल हैं।

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