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sri lanka crisis in hindi : श्रीलंका के कंगाली तक पहुंचाने में चीन को श्रेय

 sri lanka crisis in hindi : चीन की चीजें चले या ना चले पर चीन चाल जरूरत चलता है। इसी कारण से चीन को चालबाज कहा जाता है। sri lanka crisis – कब क्या करना है क्या नहीं यह सब बातों को चीन अपने योजना में लागू करता है। चीन की खासियत यह है कि वह जैसा दिखता है ठीक उसके विपरीत उसकी मानसिकता रहती है। 

sri lanka crisis news – चीन की बात करते हुए आज इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे चीन ने श्रीलंका की बनी बनाई खाक को मिटटी में मिलाने में रोल अदा किया है। यह भी जानेंगे कि कैसे श्रीलंका ने गलतियों से सबक ना लेते हुए पाकिस्तान के नकशे कदम पर चलने की कोशिश की । 

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चीन ने कैसे खेला श्रीलंका के साथ

sri lanka crisis china –  कर्ज लेना अच्छा लगता है पर बाद में चुकाना तो पड़ता है । यह बात श्रीलंका को समझ में नहीं आर्ई थी कि कर्ज लेना तो आसान है पर कर्ज लेने के बाद आपको कर्जदाता कहलाना पड़ता है। कर्ज देने वाले कौन है यह श्रीलंका को पता होन के बावजूद उसने पाकिस्तान के जैसे चीन से यारी कर ली थी। चीन से यारी करने के साथ ही मीठी-मीठी बातों में फंस कर हंबनटोटा एयरपोर्ट भी चीन को लीज पर दे दिया था जो भारत की सुरक्षा के लिये खतरा ही था। चीन भारत को घेरने वाली योजना भी छोटे-छोटे देशों को कर्ज देकर यह काम करता है।  श्रीलंका नहीं समझा कि उसने कैसे अपने आपको ही गुलाम बना लिया । 

भारत जैसा दोस्त श्रीलंका का सच्चा साथी 

sri lanka economic crisis 2022 – श्रीलंका में आजादी के बाद ऐसा होने के पीछे की वजह है सहीं सरकार की दिशा तय नहीं है वहॉ पर विदेश नीति से लेकर शिक्षा और रोजगार की योजनाएं सारी फेल हो चुकी है इसकी सारी जिम्मेदारी वहॉ के सरकार को जाता है क्योंकि वहॉ पर चाहे पक्ष हो या विपक्ष हो सभी के दावे फेल हुए हैं और इसका मुख्य कारण है जीडीपी और उत्पादन प्रणाली का नीचे गिरना जिसकी मुख्य वजह है वहॉ पर निर्माण कार्य और विनियम विपणन की योजना का ना होना। विदेशों की सामाग्री पर ज्यादा निर्भर रहने के कारण भी श्रीलंका को परेशानी हुई है। 

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श्रीलंका को क्या करना होगा

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sri lanka crisis 2022 – श्रीलंका के आने वाला समय काफी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि कर्ज चुकाने के लिये उसे और कर्ज लेना होगा। श्रीलंका को जरूरत है आर्थिक विकास की और आर्थिक विकास के लिये श्रीलंका को उत्पादन प्रणाली में सुधार लाने की जरूरत है। इसके लिये लघु व बड़े उद्योगों का कार्य  शुरू करना होगा ताकि रोजगार की समस्या कम हो और अर्थव्यवस्था चलने लगे तभी जाकर श्रीलंका को राहत मिलना संभव है साथ ही यूएन से और विश्व बैंक से सहायता लेनी होगी। भारत जैसे पड़ोसी देश से मदद लेना श्रीलंका के लिये हितकारी होगा।

श्रीलंका की विदेश नीति से लेकर GDP तक सब फैल

sri lanka currency – श्रीलंका नहीं समझा कि आजादी जब मिली थी तब उसकी क्या हालत थी और कर्ज लेने के बाद क्या हालात हुई है। श्रीलंका के हालात आजादी के बाद के सबसे बुरे मंदी के दौर वाले है। चीन ने अपनी बेशुमार दौलत को गरीब देशों को दे दिया पर श्रीलंका ने लालच में भारत का दिया हुआ ले तो लिया पर भारत के खिलाफ चीन जैसे देश से भी कर्ज लेने पहुंच गया। 

sri lanka crisis india – श्रीलंका में जो उथल पुथल हुआ है उसमें भारत लगातार सहायता करता रहा है कर्ज देता रहा है अब श्रीलंका को भारत ने ही सबसे पहले मदद पहंचाई थी यही नहीं भारत ने तो कुछ श्रीलंका के नागरिकों को चेन्न्ई में प्रवासी बनाकर रहने की इजाजत भी दे दी थी। भारत ने दवाईया भी श्रीलंका को पहुंचाई । सेना भी मदद करती है श्रीलंका जाकर वो अलग। 

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