Pandit pradeep mishra : कथा से घोल रहे अमृत

Pandit pradeep mishra जी अपनी साधना से शिव कथा से लोगों के मन में और जीवन में अमृत घोल रहे हैं। प्रदीप मिश्रा जी के बारे में शिव भक्तों को भली-भांति जानकारी है परंतु आज हम आपको बतायेंगे कि प्रदीप मिश्रा जी का जन्म और उनकी जीवन से जुड़ी कुछ मुख्य बातों के बारे में जो आपको जानना जरूरी है। तो प्रदीप मिश्रा जी के जीवन के बारे में कुछ तथ्यों को जानने के लिये जनता पोस्ट में प्रकाशित इस लेख को पूरा पढ़ें जिससे आपको प्रदीप मिश्रा जी के बारे में जानकारी मिलेगी।
pradeep mishra ji Wikipedia : श्री पंडित प्रदीप मिश्रा जी एक शिव भक्त और कथा वाचक के तौर पर दुनिया में जाने जाते हैं परंतु उनके बारे में एक और बात कही जाती है कि वह कथा से मिलने वाले दान यानी श्रद्धालुओं के द्वारा दिये गये भेंट की कमाई का कुछ हिस्सा वह स्वयं ही दान पर देते हैं जिससे जरूरतमंदों का भी भला हो।
प्रदीप मिश्रा जी सिहोर वाले कैसे पड़ा नाम :
pradeep mishra ji Wikipedia – प्रदीप मिश्रा जी को सिहोर वाले इसीलिये कहा जाता है क्योंकि वह मध्यप्रदेश के सिहोर जिले में रहते हैं वहीं से उन्होंने अपनी कथा वाचक की यात्रा प्रारंभ की है और कहा जाता है कि प्रदीप मिश्रा जी के पिता चाय का काम किया करते थे हालांकि जनता पोस्ट इस बात की पुष्टि नहीं करता है। इसके अलावा प्रदीप मिश्रा जी के परिवार की बात की जाये तो उनके पिता का नाम श्री रामेश्वर दयाल जी मिश्रा है, दो भाई हैं जिनका नाम दीपक मिश्रा एवं विनय मिश्रा है।
प्रदीप मिश्रा जी के सफल उपायों का रहस्य :
पुर्णिमा सोनी के अनुसार प्रदीप मिश्रा जी के द्वारा बताये गये शिव भगवान का मंत्र और पूजा पाठ की विधि का नियमानुसार पालन करने से मनोकामना पूर्ण होती है ऐसा कई भक्तों की भी मान्यता है। पंडित प्रदीप मिश्रा जी श्री शिवाय नमस्तुभ्याय मत्र का उच्चारण करते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक के तौर पर मिली पहचान :
shri pradeep mishra ji ki katha – प्रदीप मिश्रा जी को अंतराष्ट्रीय कथा प्रचारक के तौर पर पहचान मिली है। प्रदीप मिश्रा जी के कथावाचन से जुड़े भक्तों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ शिव भक्तों की शिव आस्था का भी काफी अधिक विस्तार हुआ है। हाल ही में प्रदीप मिश्रा जी जब रायपुर पहुंचे थे तब उनके लिये गुढ़ियारी में आयोजन के दौरान लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ देखने को मिली थी। भक्तों ने खाना और रहना भी पंडाल में किया था। प्रदीप मिश्रा जी स्वयं इस बात को लेकर हैरान हुए और उन्होंने कहा कि यहॉ जिस प्रकार का आयोजन हुआ है रायपुर में ना कभी हुआ और ना कभी होगा।
पं. प्रदीप मिश्रा जी का ( मशहूर कथावाचक गायक और आध्यात्मिक गुरु हैं भी हैं। pt pradeep mishra ji मानना है कि हिंन्दू धर्मं का एक राष्ट्र कहलाने की आवश्यक्ता है पं. प्रदीप मिश्रा जी ने यह बात एक प्रत्रकार वार्ता में कही थी। भारत हिन्दुओं की आस्था का केन्द्र है क्योंकि यहॉ पर रामायण महाभारत के काल में जो भगवान की लीला हुई है।