
World Day Against Child Labour : बाल मजदूरी की रोकथाम के लिए जागरूकता जरूरी
World Day Against Child Labour : विश्व बाल श्रम निषेध दिवस की थीम ‘सभी के लिए सामाजिक न्याय’ है। बाल श्रम खत्म करो! बाल श्रम का तात्पर्य ऐसे काम में बच्चों के नियोजन से है जो शोषणकारी, हानिकारक है, या उनकी शिक्षा और विकास में बाधा डालता है। यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दा है जो कई वर्षों से चिंता का विषय रहा है। बाल श्रम बच्चों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित करता है, जैसे कि शिक्षा, खेल और सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण तक पहुंच।
bal shram kya hota hai (bal apradh kya hai) : बाल श्रम विभिन्न रूप ले सकता है, जिनमें शामिल हैं: खतरनाक काम: ऐसी खतरनाक स्थितियाँ शामिल हैं जो बच्चे के शारीरिक, मानसिक या नैतिक स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकती हैं। इसमें भारी मशीनरी के साथ काम करना, हानिकारक पदार्थों के संपर्क में आना या असुरक्षित वातावरण में लंबे समय तक काम करना शामिल है।
जबरन श्रम :
International Day Against Child Labour – बच्चों को अक्सर धमकियों या शारीरिक शोषण के माध्यम से उनकी इच्छा के विरुद्ध काम करने के लिए मजबूर या मजबूर किया जाता है। कृषि, खनन, या घरेलू कार्य जैसे उद्योगों में काम करने के लिए उनकी तस्करी या बंधुआ बनाया जा सकता है। शोषणकारी कार्य: बच्चों को ऐसी परिस्थितियों में नियोजित किया जाता है जहाँ उन्हें अपर्याप्त भुगतान किया जाता है, अत्यधिक लंबे समय तक काम किया जाता है, या कठोर उपचार सहना पड़ता है। इसमें कारखानों, स्वेटशॉप्स या अनौपचारिक क्षेत्रों में काम शामिल हो सकता है।
अनौपचारिक काम:
कई बच्चे अनौपचारिक अर्थव्यवस्था के भीतर काम करते हैं, जैसे स्ट्रीट वेंडिंग, भीख मांगना या कूड़ा बीनना। ये गतिविधियाँ अक्सर उन्हें शिक्षा तक पहुँच से वंचित करती हैं और उन्हें विभिन्न जोखिमों के लिए उजागर करती हैं। बाल श्रम दुनिया के कई हिस्सों में प्रचलित है, लेकिन यह विकासशील देशों में सबसे आम है जहां गरीबी, शिक्षा की कमी और बाल श्रम कानूनों के कमजोर प्रवर्तन ने इसे बनाए रखने में योगदान दिया है।
सशस्त्र संघर्ष, विस्थापन और प्राकृतिक आपदा जैसे कारक भी समस्या को बढ़ा सकते हैं। बाल श्रम का मुकाबला करने के लिए (INTERNATION LABOUR CHILD DAY )अंतर्राष्ट्रीय संगठन, सरकारें और गैर सरकारी संगठन मिलकर काम कर रहे हैं। प्रयास कानून को मजबूत करने, शिक्षा तक पहुंच में सुधार, वयस्कों के लिए अच्छे काम को बढ़ावा देने, जागरूकता बढ़ाने और कमजोर परिवारों के लिए सहायता प्रदान करने पर केंद्रित हैं।
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) बाल श्रम के उन्मूलन के लिए मानक स्थापित करने और वैश्विक प्रयासों के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बाल श्रम को समाप्त करने के महत्व को पहचानना और यह सुनिश्चित करना समाज के लिए महत्वपूर्ण है कि बच्चों को एक सुरक्षित और पोषण वाले वातावरण में बढ़ने, सीखने और पनपने का अवसर मिले।
chhattisgarh woman and child development : श्रीमती भेंड़िया ने कहा कि बाल श्रम, बाल तस्करी के कई मामले आज भी सामने आते रहते हैं। लोग कल-कारखानों सहित अपने घर-दुकानों में भी छोटे-छोटे बच्चों से काम करवाने लगे हैं। इस दौरान बच्चों से दुर्व्यवहार और हिंसा की कई घटनाएं भी प्रकाश में आई हैं। उन्होंने कहा कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से ऐसा काम लेना जो उनके स्वास्थ्य और जीवन के लिए असुरक्षित हो, कानूनन अपराध है। सरकार ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई करती है, लेकिन इसके लिए प्रत्येक नागरिक का जागरूक होना जरूरी है। बच्चों के प्रति किसी भी प्रकार के अवैधानिक नियोजन, हिंसा, अपराध और दुर्व्यवहार की घटनाओं के प्रति सजग और सतर्क रहें और इसकी सूचना पुलिस, चाइल्ड लाइन, महिला बाल विकास विभाग या प्रशासन तक पहुंचाएं। बच्चों के प्रति हमारी संवेदनशील सोच ही देश-प्रदेश का भविष्य तय करेगी।