भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या का मंदिर निर्माण कार्य और भी ऐतिहासिक बन गया जब रामायणकालीन श्रीलंका की अशोक वाटिका की शिला अयोध्या मंदिर में पहुंची। यह अशोक वाटिका वहीं वाटिका है जिसमें रावण के द्वारा हरण होने के बाद माता सीता रही थी। साथ ही इस वाटिका में जो वृक्ष हैं उसे अशोक वृक्ष भी कहा जाता है। श्री हनुमान जी जब माता सीता का पता लगाने पहुंचे थे तब यही पर मां सीता से उनकी भेंट हुई थी।
रामनगरी अयोध्या में उस समय बड़ा भावुक क्षण था, जब श्रीलंका के 2 मंत्री और राजदूत अशोक वाटिका की शिला लेकर रामलला के दरबार पहुंचे। उन्होंने यह शिला रामलला के दरबार में समर्पित की साथ रामलला की आरती भी उतारी।
श्रीलंका के राजदूत ने इस अवसर पर कहा कि इस कदम से भारत और श्रीलंका के रिश्ते बेहतर होंगे।
उन्होंने कहा कि श्रीलंका से भी श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या आएंगे। अयोध्या में भव्य राम का मंदिर बनना खुशी की बात है। श्रीलंका में आज भी रामायण की कई निशानियां मौजूद हैं।
भारत और श्रीलंका के रिश्ते पर उन्होंने कहा कि श्रीलंका में सीता मंदिर ट्रस्ट है। ट्रस्टियों ने मिलकर तय किया कि अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है तो उसको योगदान देना चाहिए। इसी मकसद से हम अयोध्या आए हैं। दोनों देशों के बीच रिश्तों के लिए आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है।