jaanki mata ka naam

Sita Navami 2023: जानकी माता का नाम कैसे पड़ा सीता, जानिये

Religion

Sita Navami 2023 – सीता नवमी (sita navami) वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को कहते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी दिन सीता का प्राकट्य हुआ था। इस पर्व को “जानकी नवमी” (janaki jayanti 2023) भी कहते हैं। महाराजा जनक संतान प्राप्ति की कामना से यज्ञ की भूमि तैयार करने के लिए हल से भूमि जोत रहे थे, उसी समय पृथ्वी से एक बालिका का प्राकट्य हुआ यह दिन शास्त्रों के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन पुष्य नक्षत्र का था और इस दिन को ही सीता नवमी (sita janmotsav ) के रूप में मनाया जाता है।

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sita navami 2023 hindi- माता सीता का नाम क्यों पड़ा सीता :

दरअसल जोती हुई भूमि को तथा हल की नोक को भी ‘सीता’ कहा जाता है, महाराजा जनक संतान प्राप्ति की कामना से यज्ञ की भूमि तैयार करने के लिए हल से भूमि जोत रहे थे  तभी  जानकी माता का नाम ‘सीता’ रखा गया।

sita navami 2023 importance – सीता के विषय में रामायण और अन्य ग्रंथों में जो उल्लेख मिलता है, उसके अनुसार बिहार स्थित सीममढ़ी का पुनौरा नामक गाँव ही वह स्थान है।

sita navami 2023 date – मां सीता की करें ऐसे पूजा तो मिलेगा पृथ्वी दान का फल  – मान्यता है कि जो भी इस दिन व्रत रखता व श्रीराम सहित सीता का विधि-विधान से पूजन करता है, उसे पृथ्वी दान का फल, सोलह महान् दानों का फल तथा सभी तीर्थों के दर्शन का फल अपने आप मिल जाता है। इस दिन वैष्णव संप्रदाय के भक्त माता सीता के निमित्त व्रत रखते हैं और पूजन करते हैं। अत: इस दिन व्रत करने का विशेष महत्त्व है।

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