Puri Rathyatra 2024 : रथ यात्रा 2024 कब है (rath yatra 2024) पुरी रथ यात्रा के बारे में आज हम जानेें इस लेख में। तो दोस्तों आपको बात दें कि 202४ मेें रथ यात्रा ७ जुलाई रविवार आषाढ़ शुक्लपक्ष द्वितीया को है, अर्थात् गुप्त नवरात्रि के दूसरे दिन तो आषाढ़ शुक्ल द्वितीया इसे यात्रा है भगवान श्री जगन्नाथ जी की जो यात्रा निकलने वाली है ।
क्या होगा रथ यात्रा 2024 के दिन :
Puri Rathyatra 2024 kab hai – पुरी रथयात्रा 2024 के दिन भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र को गर्भगृह से बाहर लाकर पहले तो स्नान किया जाता है इसके पीछे एक कारण है और कहा जाता है इसके बाद भगवान जगन्नाथ जी को बुखार आ जाता है बीमार पड़ जाते हैं और इसी कारण से जिस कारण वह 15 दिनों तक शयन कक्ष में विश्राम करते हैं खास बात यह है कि इसी कारण से इस दौरान भक्तों को दर्शन की अनुमति होती तथा जब रथयात्रा निकाली जानी होती है।
rath yatra 2024 date यानी आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन वह स्वस्थ होकर अपने विश्राम कक्ष से बाहर आते हैं। इस खुशी में भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। अब आईए आपको बतायें कि पुरी रथयात्रा २०२४ के दिन आपको क्या करन चाहिये जिससे आपको अर्थिक लाभ होने की संभावना होगी।
तो सर्वप्रथम कुछ करे ना करे केवल दो दीपदान अगर आप चाहो तो भगवान नारायण भगवान जगन्नाथ को समर्पित कर सकते हो दो दीपदान इसलिए क्योंकि एक सबसे बड़ी बात उस दिन गुरुवार शुक्रवार को यहाँ जो स्पेशल रूप से माँ लक्ष्मी जी ललिता देवी या माँ लक्ष्मी जी के ही स्वरूप का माना जाता है तो उसे दे ।
Puri Rathyatra 2024 : करें ऐस पूजा तो होगी लक्ष्मी प्रसन्न :
अगर आप गाय के घी का दीपक भगवान विष्णु स्वरूप की राइट हैंड साइड में यदि आपके घर में या मंदिर है तो उनके लिए तिल के तेल का दीपक प्रज्वलित करें अब जो आपने भगवान के दायें ओर और जो दीपक प्रज्वलित किया है उसमें आपको थोड़ा सा केसर डाल दीजिए और भगवान की बाईं और आपने जो तिल के तेल का दीपक प्रज्वलित किया है उसमें आप एक लॉन्ग डाल दीजिए बस ये 2 दिन भगवान श्री कृष्णा को भगवान श्री राम को भगवान श्री जगन्नाथ जी को या भगवान विष्णु के किसी भी अवतार को या स्वयं भगवान विष्णु को ये दो दीपदान समर्पित कर सकते हैं ।
puri rath yatra 2024 date जगन्नाथ भगवान की पूजा अर्चना करने से लक्ष्मी की बहन जो है दरिद्रता जिसे हम कहते है वो सब दरिद्रता का विनाश हो जाता है ।
आापको बता दें कि जीवन में जो दुखद होती अंधकार है बहुत दूर होकर सुख दुख की शांति रूपी उजाले का प्रकाश का घर में आगमन होता है और लक्ष्मी नारायण भगवान गणेश जी रूप से निवास करते हैं दूसरी बात उस दिन अगर आप चाहो तो भगवान श्रीविष्णु के सहस्रनाम का पाठ किसी भी समय कर सकते हो पर यह कब करना है आपको रथ यात्रा के दिन आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को।
तो यह थी रथयात्रा 2024 के दिन की पूजा की एक विधि जिससे आपको धनलाभ होने की संभावना रहेगा। उम्मीद है इस लेख में आपका ऐसी कुछ भगवान जगन्नाथ से जुड़ी बातें और Puri Rathyatra 2024 kab hai के बारे में जानकारी मिली वो पसंद आए हमारे और भी लेख पढऩे जुड़े रहिये हमारी वेबसाईट से।
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