Deep Fake Video : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से डीपफेक वीडियो आपके जीवन में ला सकता है भूचाल

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Deep Fake Video : दोस्तों आज के समय में तकनीक का उपयोग हम सभी करते हैं, चाहे मोबाईल के रूप मेंं या कम्प्यूटर के रूप में सभी किसी ना किसी तरीके से तकनीक से जुड़े हैं, इस दौर में तकनीक के बिना जीवन की कल्पना नहीं करते हैं, जैसे हमें बिजली चाहिये, पानी चाहिये वैसे ही आज कल हर आदमी की जरूरत का हिस्सा बना है मोबाईल। अब मोबाईल के बारे में शुरू से समझा जाये तो मोबाईल का उपयोग आरंभ में केवल वीआईपी लोगों द्वारा किया जाता था आम आदमी के पास केवल एसटीडी की पहुंच थी। फिर समय में बदलाव हुआ और धीरे -धीरे चीजें सस्ती हुई और २००० आते आते सबके हाथों में मोबाईल फोन पहुंच गया।

Deep Fake Video Kya Hai

यह तो बात थी शुरूआत की परंतुु मोबाईल में बदलाव करने वाला क्रांतिकारी परिवर्तन अभी ठहरा नहीं था उस दौर में बटन वाले मोबाईल में नये तकनीक का इस्तेमाल होने लगा और धीरे से हमारे सामने एक मल्टीमीडिया फोन भी आ गया। आपको बता दूं कि मल्टीमीडिया फोन का उपयोग मल्टी काम यानी वीडियो, म्यूजिक गेमिंग समेत ढेर सारे काम करने के लिये उपयोग किया जाने लगा और यही वो दौर था जब तकनीक ने नया उजाला लाया लोगों के जीवन में इस समय में कैमरा और वीडियो के साथ लोगों ने नया दौर देखा था।

फिर २०१० आते आते स्मार्टफोन का दौर आ गया और इस समय में लगभग सभी लोगोंं ने मोबाईल फोन का लुफ्त उठाना शुरू कर दिया था। ऐसे ही वीडियो की बात करें तो वीडियो का यूज भी २०१० में ज्यादा बढ़ा क्योंकि वीडियों देखने के लिये सोशल मीडिया भी चलन में आया था। अब यह तकनीक कितनी ज्यादा हावी हो सकती है आम आदमी पर यह तो आपने ऊपर जान लिया परंतु अब देखिये यह तकनीक आम आदमी के लिये कितनी खतरनाक साबित हो सकती है।

PM Modi on Deep Fake Video

तो आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डीपफेक वीडियो को खतरा बताया है यह एक एआई यानी आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस तकनीक का नतीजा है। पीएम मोदी ने कहा था कि डीपफेक सबसे बड़े खतरों में से एक है जिसका सामना इस समय भारतीय सिस्टम को करना पड़ रहा है और इस तरह के वीडियो से समाज में अराजकता पैदा हो सकती है।

वैसे आपको बता दें कि पीएम मोदी भी खुद नहीं बच पाये हैं इस डीपफेक वीडियो से। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब डीपफेक जैसे मामलों में जब कृत्रिम बुद्धिमत्ता के दुरुपयोग की बात आती है तो जनता और मीडिया दोनों को बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। डीपफेक मौजूदा विधानसभा चुनावों में चुनावी लोकतंत्र की अखंडता के लिए बड़ी चुनौतियां पैदा कर रहे हैं। इस तरह के मामलों में नकली और असली वीडियो क्लिप के बीच अंतर करना मुश्किल हो गया है।

बचपन से पीएम मोदी ने गरबा नहीं खेला था परंतु गरबा वीडियो जो डीपफेक था उसमें महिलाओं के बीच पीएम मोदी को गरबा डांस करते हुए दिखाया गया है। यह Deep Fake गरबा वीडियो (Modi Deep Fake) वायरल हो हुआ है। अब आप कल्पना करें कि डीप फेक वीडियो कितना घातक है क्योंकि यह देखने में बहुत ज्यादा असली लगता है।
इस वीडियो के बारे में यह दावा किया जा रहा था कि नवरात्र में गरबा खेलते हुए पीएम मोदी का यह वीडियो है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।

डीपफेक वीडियो के मामले से फैली सनसनी, रोकना जरूरी

bollywood deep fake video – एआई के चलन से ही हाल के दिनों में डीपफेक वीडियो के मामले बढ़े हैं। सारा तेंदुलकर और शुभमन गिल की तस्वीर को Morph करके वायरल किया इसी तरह कुछ दिन पहले रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो (deep fake bollywood )वायरल हुआ था। काजोल और कैटरीना कैफ (rashmika mandanna deep fake ) को भी डीपफेक का शिकार होना पड़ा है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आने के बाद डीपफेक के मामले तेजी से बढ़े हैं।

AI से डीपफेक में मिलती है काफी मदद

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (deep fake video in ai ) की मदद से किसी भी तस्वीर, वीडियो या फिर ऑडियो को बिल्कुल अलग बनया जा सकता है। यह तस्वीर, वीडियो या ऑडियो किसी भी मायने में ऑरिजिनल से कम नहीं लगता। इसे देखने और सुनने के बाद लोग सच मान बैठते हैं। इसलिए पीएम मोदी ने कहा कि यह सबसे बड़े खतरों में से एक है।

अब यह बात तो आपने समझ ली है कि Deep Fake Video एआई कितना ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है सुरक्षा की दृष्टि से इसीलिये ही तो भारत समेत २७ देशों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी को खतरा बताया है सुरक्षा की दृष्टि से । वैसे आपको क्या लगता है इस बारे में हमेें कमेंट कर के बताईये और बने रहिये हमारे वेबसाइट जनता पोस्ट पर।

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