cg election 2023 : छत्तीसगढ़ चुनाव 2023 दो नंबर का पैसा, चुनावी खेल का पुराना पैतरा

Edited By – Sourabh Soni
छत्तीसगढ़ चुनाव 2023 : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 की सरगर्मी उफान पर है। प्रदेश की सत्ता पर आसीन होने के लिए कोई भी दल प्रचार-प्रसार करने में पीछे नहीं है। सभी प्रचार-प्रसार करने में पूरी ताकत झौंक दिए हैं। ऐसे में चुनाव में जमकर कालाधन का उपयोग हो रहा है। प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू होने से पुलिस, आबकारी विभाग और इंटेलिजेंस ब्यूरो लगातार अवैध धनराशि जब्त कर रहे हैं। अब तक कई सौ करोड़ की धनराशि जब्त की गई है। यह कोई नया पैतरा नहीं है हर बार के चुनाव में देश में इस तरह की स्थिति देखने को मिलती है जो कि गलत है और इस पर कार्रवाई भी की जाती है।
cg election 2023 चुनाव में ब्लैक मनी का उपयोग :
चुनाव में साड़ी, पैसा, शराब आदि बांटे जा रहे हैं। बैरियर, चौक-चौराहों पर आए दिन लाखों-करोड़ों की अवैध धनराशि और अवैध चुनाव प्रचार की सामग्री जब्त किए गए हैं। पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है पर कालाधन का अवैध कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। कालाधन को लेकर बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे को घेरने में लगे हैं।
Cg Elections News – छत्तीसगढ़ चुनाव 2023 में पैसों का बंदरबाट करवाने का मकसद चुनाव जीतना है, और जो पैसे जुटाये जा रहे थे वह सभी पैसों का हिसाब किताब नहीं होने की वजह से ही इललीगल यानी अवैध पैसे मिल रहे हैं अमर उजाला में प्रकाशित एक समाचार के अनुसार आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के बाद से निगरानी दलों ने कुल 38.35 करोड़ रुपए की नगदी और वस्तुएं जब्त की है। इसके साथ ही कुल 10 करोड़ से अधिक रुपए जब्त की है। 90 लाख रुपए से अधिक की शराब जब्ती की गई है। यह बात पुरानी है परंतु आए दिन चुनाव के दौरान रोजाना इस प्रकार की घटनाएं देखने को मिलती है।
सघन जांच अभियान लगातार जारी
आपको बता दें कि सघन जांच अभियान के दौरान 14 करोड़ 82 लाख 76 हजार रुपए कीमत के 184 किलोग्राम से अधिक कीमती सोने-चांदी भी जब्त की गई है। इसके साथ ही सामग्रियां जिनकी कीमत 9 करोड़ 50 लाख रुपए से अधिक है। उसे जब्त भी किया गया है।
वैस जैसा की आपको पता है कि यह बात कोई नई नहीं है यह तो हमेशा से चलता आया है कि कालेधन को कैसे खपाना है, आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ चुनाव 2023 चुनाव के नियमों में एक नियम यह भी है कि उम्मीदवारों को चुनाव में खर्च करने की राशि पर एक सीमा लगाई गई है और इसीलिये इस सीमा से बाहर की राशि खर्च ना करने के कारण ही इस तरह की स्थिति देखने को मिलती है ऐसा अनुमान है।