CM Vishnu Deo Sai Interview : टीएस सिंहदेव भाजपा में कब आने वाले हैं? सीएम साय का साक्षात्कार...

CM Vishnu Deo Sai Interview : टीएस सिंहदेव भाजपा में कब आने वाले हैं? सीएम साय का साक्षात्कार…

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CM Vishnu Deo Sai Interview : सौरभ द्विवेदी जी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी का साक्षात्कार लिया । सीएम विष्णुदेव साय से ये भी पूछा गया कि टीएस सिंहदेव भाजपा में कब शामिल होंगे इस पर भी उन्होंने जवाब दिया।

प्रस्तुत है इस साक्षात्कार का कुछ हिस्सा : यात्रा सिल वक्त छत्तीसगढ़ में है। मेरे बगलगीर है छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी बहुत बहुत स्वागत है आपका नमस्कार। संयोग कुछ ऐसा होता है सर की। मैं जब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के पास बैठता हूँ, रात के 1112 ही बज रहे होते हैं तो बहुत शॉट में रखेंगे बात।छत्तीसगढ़ में भाजपा के स्तर पर एक प्रयोग दिख रहा है। 2019 में सारे सिटिंग सांसदों के टिकट रहा है। काट दिए गए थे।

CG Politics : इस बार भी दो ही रिटेन किए गए एक राजनांदगांव और एक दुर्ग। इस रणनीति के पीछे क्या वजह है मुख्यमंत्री जी?अब पार्टी में एक व्यवस्था है।ये तो कार्यकर्ताओं से रायशुमारी होती है।सर्वे होता है सारा आंकलन करके जो वेस्ट होता है।होली पार्टी निर्णय लेती सांसदों को लेकर नाराजगी थी। क्या सर्वे में नहीं नाराजगी की बात तो नहीं? लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में हम लोग मात्र 15 सीट पर आ गए थे तो थोड़ी चिंता तो जरूर थी। हालांकि।विधानसभा और लोकसभा के इशू अलग होते हैं।

ट्राइल जब 2019 का लोकसभा चुनाव आया तो 11 में नौ सीट जीते और विधानसभा के ड्यूटी से देखें तो 65 सीट जीते जी।अच्छा।मैं पिछले तीन चार लोकसभा चुनावों का देख रहा था। कोरबा की गुत्थी ऐसी है जो बीजेपी से कम सुलझती हैं। 2014 जीते भी तो बहुत बारीक मार्जिन से 2019 हार गए। इस बार भी करुणा शुक्ला जो पहले भाजपा में थी वो लड़ी नौ फिर।14 में कांग्रेस और उसके बाद जो उनके आपके स्थानापन्न हुए उनकी जगह जो दुर्ग की नेता रही हैं, सरोज पांडेय उनको वहाँ पे टिकट दिया गया।

कोरबा को लेकर क्या रणनीति है?

भाजपा की और क्या दिक्कते आती है वहा पे देखिये कोरबा में।पिछले समय सांसद का चुनाव नहीं जीत पाए थे और उस समय दो लोकसभा ने जीते थे। बस्तर और कोरबा स्तर और कोरबा और हम लोगों के पास राज्यसभा सांसद थे। एक रोज़ पांडे और रामविचार नेताम जी तो दोनों जगह काम उनको पालक सांसद बना दिए। सरोज पांडे थी और बस्तर के पालक सांसद श्री रामविचार नेताम जी थे और पालक सांसद के नाते बराबर वहाँ कार्यकर्ताओं से मिलना जुलना।

जो भी उनको सहयोग करना ये सब काम एक पहचान तो स्वाभाविक रूप से बनाई जाती है और सरोज पांडे और रामविचार नेताम तो इतने लंबे समय और विभिन्न पदों पर संगठन में भी और। ट्रायल जनप्रतिनिधि के रूप में की। उनकी पहचान तो छत्तीसगढ़ के पूरे देश में पहचाने पर कोरबा में दिक्कत क्या आ रही थी भाजपा को? नौ हारे, 14 जीते, करीबी से फिर 19 हारे 19 में तो बड़ी लहर थी, मेरे कोई दिक्कत नहीं थी।कोई कोई दिक्कत नहीं थी।मैंने कहा ना छिपाती की व्यवस्था के अनुसार उनको वहाँ से टिकट दी।अच्छा।आप एक बात ये भी पूछी जा रही है और ये विधानसभा चुनाव के बाद से चल रही है।

टीएस सिंहदेव भाजपा में कब आने वाले हैं?

TS Singhdeo BJP : अब ये तो जानें आप लोग की तरफ से ऑफर है?हाँ , अपनी तरफ से तो कोई ऑफर नहीं है, कोई बैकचैनल टॉक नहीं है नहीं हमारी जानकारी बिल्कुल नहीं।अच्छा।क्योंकि हम लोग जब लोकसभा की कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची देख रहे थे तब भूपेश बघेल नजर आए। ताम्रध्वज साहू नजर आए टीएस सिंहदेव, नजर नहीं आए सूचीबस मेरी जानकारी बनी है, कोई अच्छा नहीं मातृवंदन योजना को एक गेम चेंजर योजना माना गया और उसी के पैरलेल अब कांग्रेस के सवाल उठा रही है कि भाजपा हम पर फ्री भी इस पर ऊँगली उठाती थी लेकिन महतारी योजना भी तो वही है, इस आलोचना पर आपकी क्या राय है? देखिये मातृवंदन योजना हम लोगो की मोदी गैरन्टी का एक वादा है।और अभी मात्र इस सरकार को 4 महीने हुए है और चार महीने में भी तीन महीने में ही तीन महीना ही काम करने के लिए मिला है।

छत्तीसगढ़िया भाषा में पढ़ाई

एक महीना तो आचार संहिता है। लग गया तो चुनाव में सब भिड़े और तीन महीने में दो महीने का हमलोगों ने।हम लोग किस 70,00,000 से ज्यादा माताओं के खाते में क्यों नहीं जा चूके हैं? और इससे भारतीय जनता पार्टी के प्रति भारतीय जनता पार्टी की सरकार के प्रति जनता का विश्वास बहुत बड़ा है और इसके विपरीत 2018 के विधानसभा चुनाव में।कांग्रेस पार्टी बड़े बड़े 36 वादे किए थे। जन घोषणा पत्र में उनको 5 साल काम करने का अवसर मिला, लेकिन 36 में एक भी उनका वादा 36 सात पूरा नहीं हुआ और इसलिए उनको 2023 के विधानसभा चुनाव में सरकार से हाथ धोना पड़ा।

Congress Chhattisgarh News : आज कांग्रेस पार्टी? छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश की जनता का विश्वास खो चुकी है। क्या है? अब ये लोग कुछ भी करेंगे तो जनता विश्वास करने वाले नहीं।आप विश्वास की बात कर रहे हैं, आपकी आवाज़ पर आने से पहले मैं छत्तीसगढ़ के नौजवानों से बात कर रहा था, उसमें एक बड़ा वर्ग था जो छत्तीसगढ़िया भाषा में पढ़ाई करके बैठा हुआ है। उनका ये कहना है कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी आई है।

BJP Chhattisgarh News : क्या? विष्णुदेव साय सरकार छत्तीसगढ़िया भाषा में स्कूल की टैक्स बुक इंट्रोड्यूस करने जा रही है। वन और क्या स्कूलों और कॉलेजों के स्तर पर छत्तीसगढ़िया भाषा को अलग से रख के शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी?देखिए इस विचार में सरकार कदम बढ़ा रही है और आप अगर 2425 का बजट देखेंगे तो जो मूडी भाषा है, गोंडी भाषा को भी प्रोमोट करने के लिए बजट में प्रावधान किया गया।छत्तीसगढ़िया के लिए? क्या करेगी? कोई न कोई रास्ता निकले। हाँ मेरा आखिरी सवाल ये है की जो आपकी आलोचक हैं वो ये कहते हैं कि कई पावर सेंटर्स है।

CG Politics : दो तरह से इसकी व्याख्या नहीं बोलते हैं कि साहब सुपर सीएम बहुत है, उसमें कभी साव साहब का नाम लिया जाता है, कभी शर्मा जी का, कभी ओपी चौधरी का समर्थक आपके कहते हैं कि चलिए इसी में लोगों को खुश रहने दीजिए कि हर कोई अपने आप को समझ रहा है, ये बातें आप तक पहुंचती है। देखिए हम लोगो की।टीम है मंत्रिमंडल का। बहुत अच्छी टीम है, बहुत अनुभवी लोग हैं और सब मिलके हम लोग काम कर रहे हैं। अभी तीन महीने में ही हम लोग मोदी की गारंटी के बहुत सारे वादे पूरे किए हैं और लोकसभा के इलेक्शन के बाद और ली जो मोदी की गैरन्टी में है उसको भी पूरा करेंगे और जो छत्तीसगढ़।जनता पार्टी पर विश्वास किया है। उस विश्वास पर पूरी टीम भावना से काम करते हुए हम लोग खरा खरा उतरने का पूरा पूरा प्रयास किया है।

BJP Chhattisgarh ओल्ड की विदाई

ओल्ड की विदाई को लेकर भी चर्चा होती है। बृजमोहन अग्रवाल थे, उनको भी लोकसभा लड़ा दिया गया। रमन सिंह जी पहले ही स्पीकर कुर्सी बैठा दिए गए तो अब पीढ़ी हस्तांतरण पूरा हो गया क्या? भाजपा का?नहीं, ऐसा नहीं है। और तो सब चीज़ का समावेश है। नए पुराने सभी लोग हैं और जिससे मतलब क्या यार और सकता महसूस होती है वैसा पार्टी लेती है। शीर्ष नेतृत्व हमारा नहीं लेता है। बहुत बहुत शुक्रिया ।

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