तातापानी महोत्सव : तातापानी एक उद्यमी पर्यटन स्थल

तातापानी महोत्सव : tatapani balrampur chhattisgarh एक उद्यमी पर्यटन स्थल

Chhattisgarh

तातापानी महोत्सव – बलरामपुर में जमीन के अंदर से गर्म पानी निकलता है. इसे तातापानी कहते हैं. तातापानी ( Tattapani cg ) जो अपनी पवित्र धरती के रूप में पहचानी जाती है, एक यात्रावालों के लिए आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में उभर रही है। यहां हर वर्ष आयोजित होने वाले तातापानी महोत्सव ने इस छोटे से गाँव को एक उद्यमी पर्यटन स्थल में बदल दिया है, और इसे हमारी सरकार ने ही आयोजित किया था। इस लेख में आपको बतायेंगे कि तातापानी के गर्म पानी का रहस्य क्या है और इसकी मान्यता क्या है पूरा लेख पढ़े और जानिये

Tatapani Chhattisgarh – तातापानी को पर्यटन का हब घोषित करते हुए, पर्यटन विभाग ने एक मोटील योजना शुरू करने का ऐलान किया है, जिसका मास्टर प्लान आने वाले समय में तैयार किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने तातापानी महोत्सव में शामिल होने के लिए बलरामपुर-रामानुजगंज जिले को प्रेरित किया है, जो इस घड़ी बढ़ते पर्यटन सेक्टर के साथ जुड़ा हुआ है।

भूतापीय ऊर्जा के कारण पृथ्वी पर कई स्थानों पर गर्म जलस्रोत के कुंड पाए जाते हैं। इसमें जियो थर्मल एनर्जी पृथ्वी की सतह पर और उसके अंदर बनती है। तातापानी के सतह के अंदर एल्यूमिनियम, सिलिकॉन, कैल्शियम, सोडियम, मैग्नीशियम, सल्फर हाइड्रोजन इन तत्वों का संयोजन होता है। इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने के दौरान, पर्यावरण विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. मधुर मोहन रंगा ने बताया कि पृथ्वी के ताप से ही ऊर्जा उत्पन्न होती है।

पृथ्वी की सतह से नीचे जाने पर तापमान बढ़ता है, और इससे सतह के नीचे मेटल का पिघलाव होता है, जिससे मैग्मा बनता है। प्रोफेसर रंगा ने बताया कि इस प्रक्रिया में रेडियो एक्टिव तत्वों का एक महत्वपूर्ण योगदान होता है, जिसमें टाइटेनियम, यूरेनियम, और पोटेशियम मैग्मा रॉक को गरम करते हैं। इससे आग्नेय रॉक गरम हो जाता है।

तातापानी क्षेत्र में वर्षा का पानी जब नीचे रिसकर जाता है, तो गरम होता है और मैग्मा रॉक की गर्मी से यह पानी जियो थर्मल एनर्जी उत्पन्न करता है। जियो थर्मल एनर्जी के द्वारा ही जलस्रोत से गरम पानी बाहर निकलता है। इस प्रकार, तातापानी एक ऐसा क्षेत्र है जहां भूतापीय ऊर्जा से उत्पन्न होने वाली जलस्रोतें हैं।

प्रो. रंगा ने बताया कि ऐसा अक्सर भूकम्प प्रभावी क्षेत्रों में देखा जाता है। जब जमीन के अंदर कार्बन तत्व और हाइड्रोजन गैस ऑक्सीजन से मिलकर पानी में परिवर्तित होते हैं, तो यह पानी भी जियो थर्मल एनर्जी के रूप में बाहर निकलता है। जियो थर्मल ग्रेडिएंट के कारण यह पानी ऊपर आता है और तातापानी के जलस्रोतों से बाहर निकलता है। सल्फर मैग्मा इस प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें सल्फेट आयरन, पोटेशियम क्लोराइड चिकित्सा के काम में आता है।

“कहा जाता है कि यहाँ के लोग अपने पूर्वजों की कई कहानियों में भरपूर विश्वास रखते हैं। जब मैंने यहाँ के कई गाँववालों से बात की, तो मुझे कुछ अद्वितीय और रोचक बातें मिलीं। उनकी कथाएं कहती हैं कि यहाँ के गर्मजल स्रोत रामायण के काल से ही मौजूद हैं।

यहाँ के लोग बताते हैं कि जब माता सीता वनवास के दौरान कड़ाही में घी बना रही थीं, तो रामच्योरा पर्वत से राम जी ने एक छोटा पत्थर चलाकर उसमें फेंका। यह पत्थर सीधे कड़ाही में गिरकर उसमें छिपे गर्म घी को खोला, जिससे छींटें जहाँ-जहाँ पड़ीं, वहाँ-वहाँ गर्म जलस्रोतों के छोटे-बड़े कुण्ड बन गए। इन गर्म जलस्रोतों का जल यहाँ के लोग त्वचा के रोगों के लिए भी कालांतर से प्रयोग करते रहे हैं।

तातापानी गर्म जलस्रोतों का रहस्य

इस धार्मिक अनुभूति का साथी, यहाँ का बड़ा शिव मंदिर, और यहाँ की जमीन से निकली मूर्तियां भी लोगों को आकर्षित कर रही हैं। यहाँ का गर्म पानी यहाँ के लोगों को हर मौसम में एक ही लय में बनाए रखता है, और इसका असर हजारों सालों से यहाँ के लोगों की आत्मा को सुकून और राहत में लाता है।”

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मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ का विश्वास तेजी से बढ़ रहा है और डबल इंजन की सरकार में विकास कार्यों को बहुत तेज गति मिलेगी। उन्होंने तातापानी को माता सीता से जोड़ा और इसे एक पवित्र स्थान के रूप में स्वीकार किया है। उन्होंने आगे कहा कि अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी, और इस अवसर पर हमें पूरे माहौल को राममय बनाने की जरूरत है।

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मुख्यमंत्री Sai ने उन सभी वायदों को पूरा करने का आश्वासन दिया और कहा कि क्षेत्र की मांगों को भी पूरा किया जाएगा। संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने इस मौके पर भगवान राम-सीता जी के पवित्र चरणों की बात की और 2012 में तातापानी महोत्सव की शुरूआत की गई थी, जो अब मोदी जी के नेतृत्व में आगे बढ़ा रहा  है।

tatapani mahotsav मौके पर कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने भी उपस्थित जनों को संबोधित किया और तातापानी को एक ऐसा पर्यटन स्थल बनाने का संकल्प लिया, जिसका नाम पूरे देश में गौरवशाली हो। उन्होंने इसके विकास की संक्षेप रूपरेखा भी साझा की।

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