lakshadweep modi – Maldives Vs India लक्षद्वीप की यात्रा जब प्रधानमंत्री ने शुरू की थी तब यह किसी ने नहीं सोचा था कि उनकी यात्रा से एक मैसेज निकलकर सामने आयेगा, एक ऐसा मैसेज जिससे मालदीव को हजम नहीं होगी। Boycott Maldives : मालदीव की सत्तारूढ़ प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव की मंत्री मरियम शिउना माल्शा, हसन जिहान और नेता जाहिद रमीज ने मोदी समेत भारतीयों का मजाक उड़ाया था।
मालदीव बनाम भारत – मालदीव को पसंद नहीं lakshadweep
दरअसल लक्षद्वीप जो भारत का केंद्र शासित प्रदेश है और एक द्वीप के तौर पर घूमने लायक जगह है वहॉ की यात्रा कर मोदी ने देशवासियों को लक्षद्वीप घूमने के लिये जरूर आने का आग्रह किया इसके उपरांत भारतीयों को भी यहॉ जाने की इच्छा होना स्वाभाविक है, इतिहास गवाह है मोदी जब कोई मुहीम बनाते हैं तो इसका हिस्सा भी लोग स्वेच्छा से बनते हैं और इसका उदाहरण है जैसे कोरोना काल के समय चाहे बात घंटी बजाने और दिये जलाने की हो या वेक्सिनेशन की हो या लोकल फॉर वोकल की बात हो हर काम मोदी के कहने पर लोगों को जरूर किया है इसी प्रकार से लक्षद्वीप के लिये घूमने भी प्रेरित करने के लिये मोदी ने जो बात कही है उससे फर्र्क तो मालदीव को पडऩा ही था कि मालदीव भी एक द्वीप है और वहॉ पर भी टूरिस्ट आते हैं ।
Boycott Maldives : भारत से रिश्ते सुधरे….
यहीं नहीं मालदीव की सरकार में मंत्री ने इजराइल और भारत की दोस्ती पर भी अपनी भड़ास निकाली है दरअसल इजराइल व हमास युद्ध के चलते जो भारत की तरफ से पीएम मोदी ने इजराइल का साथ देने की बात की थी उसका असर मुस्लिम देशों में भी देखने को मिल था क्योंकि इजराइल को मुस्लिम देश जरा भी पसंद नहीं करते हैं, इसीलिये सऊदी अरब और यूएई भी इजराइल से रिश्ता बनाने के बावजूद जब हमास और फिलिस्तीन का साथ देने की बात आई तो एक हो गये। अब आप समझ ही गये होंगे कि कैसे मालदीव ने अपनी हरकत से यह साबित किया है कि वो मुस्लिम देश है जबकि भारत ने इजरायल से दोस्ती को जितना महत्व दिया है उतना ही उसने शांति का भी समर्थन किया है और इजरायल के अलावा फिलिस्तीन से भी बात की है यह बात मालदीव को समझनी चाहिये कि भारत वसुधैव कुटुम्बकम के मंत्र पर चलता है।
प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ देश ही नहीं बल्कि विदेश के कुछ ऐसे शख्स मौजूद हैं जिन्हें मोदी के लीडरशीप से एलर्जी महसूस होती है और इसी लिये अंदर से वह नहीं चाहते हैं कि मोदी सरकार सत्ता में बने रहे। हालांकि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाली मालदीव महिला मंत्री मरियम शिउना को कैबिनेट से सस्पेंड कर दिया गया।
मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक शिउना के अलावा दो नेताओं माल्शा और हसन जिहान को भी सस्पेंड किया गया और बाद में मालदीव सरकार ने बयान जारी कर बताया कि संबंधित लोगों पर कार्रवाई की होगी। इसके बाद सोशल मीडिया पर #BoycottMaldives ट्रेंड होने लगा। जिसके बाद हमारे देश के राष्ट्रवादी लोगों ने मालदीव की बजाय हमारे भारत के खूबसूरत कश्मीर जाने की अपील की और फोटो भी शेयर किये।
मालदीव को फ्री वेक्सिन…
मालदीव के विपक्षी नेताओंं को भी भारत विरोधी बातें खराब लगी और उन्होंने इसका विरोध किया है। इसके अलावा मालदीव बॉयकाट की मुहीम से मालदीव का बाजा बजा डाला। आपको बता दें कि ये मालदीव चीन के करीब होने के कारण भी भारत से दूर होता गया है परंतु कोरोना काल के समय भारत ने मालदीव को फ्री वेक्सिन भी भेजी और समय-समय पर आर्थिक मदद भी भारत ही करता है।
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सुंदर भारतीय समुद्र तटों की तस्वीरें शेयर की हैं और जॉन अब्राहम ने एक्स पर लिखा, ‘अद्भुत भारतीय हॉस्पिटैलिटी,अतिथि देवो भव के विचार और विशाल समुद्री जीवन की खोज के साथ। लक्षद्वीप जाने लायक जगह है।इसके अलावा अभिनेता अक्षय कुमार ने तो सीधे मालदीव पर नस्लवादी और घृणत टिप्पणी करने का आरोप लगाया।
They say – "The cave you fear to enter, holds the treasure you seek#Lakshadweep, why promote tourism in #Maldives especially when public figures and social media content creators from that country don't think twice before passing pompous racist and vulgar statements on Indians. pic.twitter.com/B7PQM8pvHw
— Harish sharma🦅 (@Harish6378) January 7, 2024
मालदीव बनाम भारत – खैर अब मालदीव को सुधरना है तो सरकार को अपनी गलती सुधारते हुए भारत के लिये कुछ ना कुछ तो ऐसा करना होगा कि जिससे भारत से रिश्ते सुधरे नहीं तो मालदीव को ही नुकसान होगा क्योंकि मालदीव के पयर्टन से चलने वाली इनकम भी कम होने लगे और भारत के लोगों का गुस्सा भी मालदीव को भारी पड़ेगा।