basant panchami 2024 date – बसंत पंचमी का पर्व ज्ञान और संगीत की देवी मां सरस्वती को समर्पित होता है। मां सरस्वती को कला की देवी भी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन ज्ञान, कला और संगीत की प्रतीक मां सरस्वती की पूजा की जाती है. आज इस बारे में उल्लेख करते हुए आपको बसंत पंचमी क्यों मनाया जाता है, बसंत पंचमी मनाये जाने के कारण क्या है इसके पीछे का रहस्य क्या है यह बतायेंगे।
vasant panchami : कब मनाया जाता है बसंत पंचमी :
basant panchami 2024 date – आपको बता दें कि पाठकों माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी का त्योहार बडे़ ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. नीचे हम आपको बसंत पंचमी से जुड़े बड़े ही शुभ योग बन रहे हैं यह भी बतायेंगे।
कब है वसंत पंचमी ?
बसंत पंचमी 2024 (vasant panchami 2023 date )का पर्व कब मनाया जायेगा तो आपको बता दें कि हिंदू पंचांग में माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि दिनांक 25 जनवरी 2023 दिन बुधवार को दोपहर 12:34 मिनट से लेकर अगले दिन दिनांक 26 जनवरी 2023 दिन गुरुवार को सुबह 10:28 मिनट तक इसका समापन होगा 2023 में सरस्वती पूजा दिनांक 26 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा ( । (26 january 2023 basant panchami) बार यह पर्व फरवरी में ना पड़कर बल्कि जनवरी में ही पड़ा है। नीचे आपको बताया जाता है कि मां सरस्वती की पूजा कब करनी है शुभ मुर्हुत कब है?
बसंत पंचमी 2023 : basant panchami 2023 in india
saraswati puja date 2023 – वसंत पंचमी 2023 का शुभ मुहुर्त एवं पूजा का समय – दिनांक 26 जनवरी 2023 दिन गुरुवार को पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07:12 मिनट से लेकर दोपहर 12:34 मिनट तक रहेगा. इस दिन पूजा का समय 05 घंटे ही हैं.
वसंत पंचमी जाने शुभ संयोग (Basant Panchami 2023 Shubh Muhurt )
when is basant panchami in 2023 – वसंत पंचमी 2023 के दिन शुभ योग बन रहा है इस बारे में ज्योतिष के अनुसार इसका पहला शुभ योग शिव योग सुबह 03 बजकर 10 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 29 मिनट तक ही रहेगा। इसीलिये यह समय उचित रहेगा पूजा करने के लिये। बसंत पंचमी 2023 – इसके बाद सिद्ध योग शुरु हो जाएगा. जो पूरे दिन तक रहेगा. इसका सर्वार्थ सिद्धि योग शाम 06:57 मिनट से लेकर अगले दिन 07:12 मिनट तक रहेगा. रवि योग शाम 06:57 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 07:12 मिनट तक रहेगा।
क्या है वसंत पंचमी का महत्व ? 2023 saraswati puja date
basant panchami 2023 in india – पौराणिक कथा के अनुसार मान्यता है कि वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है. क्योंकि यही वो दिन था, जब मां सरस्वती धरती पर प्रकट हुई थी. तभी वाणी और ज्ञान पूरे संसार को प्राप्त हुआ था. इस दिन सभी स्कूलों में मां सरस्वती की पूजा की जाती है. कला और ज्ञान के मामले में सबसे पहले मां सरस्वती का ही नाम लिया जाता है.
बसंत पंचमी 2023 पर्व कथा
बसंत पंचमी 2023 – कामदेव और महादेव की कहानी
vasant panchami hindi – महाशिवरात्रि के बाद से भगवान शिव ध्यान की स्थिति में थे बसंत पंचमी से जुड़ी सबसे पुरानी कथा हिंदू प्रेम के देवता – कामदेव से संबंधित है। मान्यता के अनुसार इससे उनकी पत्नी “पार्वती” ने कामदेव से संपर्क किया क्योंकि चिंतित हो गईं थी, इसीलिये माता शिव में प्रेम की भावनाएं जगाने का अनुरोध किया।
कामदेव ने माता पार्वती की मांगों को स्वीकार करते हुए, सांसारिक मामलों और अपने स्वयं के दायित्वों को देखने के लिए अपने ध्यान की स्थिति से शिव को जगाने के लिए सहमति व्यक्त की और भगवान शिव पर फूलों से बने बाणों की बरसात की गयी। इस प्रकार सांसारिक व्रतों के समाधान के लिए जागने वाले शिव के इस दिन को वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। यह कामदेव प्रसंग भी बसंत पंचमी के दिन ही हुआ था।
maa saraswati vandana
सरस्वती माता की वंदना का गीत –
इस पंक्ति को गाकर आप सरस्वती मां की स्तुती कर सकते हैं –
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥
जग सिरमौर बनाएं भारत,
वह बल विक्रम दे। वह बल विक्रम दे॥
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥
साहस शील हृदय में भर दे,
जीवन त्याग-तपोमर कर दे,
संयम सत्य स्नेह का वर दे,
स्वाभिमान भर दे। स्वाभिमान भर दे॥1॥
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥
लव, कुश, ध्रुव, प्रहलाद बनें हम
मानवता का त्रास हरें हम,
सीता, सावित्री, दुर्गा मां,
फिर घर-घर भर दे। फिर घर-घर भर दे॥2॥
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥