ram mandir : उत्तरप्रदेश में राम मंदिर ( ayodhya mandir nirman ) का गर्भगृह कैसा रहेगा यह सवाल सबके मन में है। योगी आदित्यनाथ द्वारा अयोध्या के राम मंदिर में गर्भगृह का ‘पूजन’ किया गया। राम मंदिर निर्माण के प्रभारी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, गर्भगृह के दिसंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। आपको बता दें कि 5 अगस्त, 2020 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भगवान राम मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखी थी और तब से निर्माण कार्य जारी है।
ayodhya mandir : कैसा होगा राम मंदिर? कितने मंजिला होगा?
राम मंदिर कितने मंजिला रहेगा तो यह दो मंजिला रहेगा, रामलला का मंदिर पहली मंजिल में होगा और राम दरबार दूसरी मंजिल पर रहेगा, इस दरबार में जहां श्री राम, अनुज लक्ष्मण और माता सीता के साथ बजरंगबली जी की प्रतिमा भी लगेगी।
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1992 से निरंतर जारी राम मंदिर कार्य
ayodhya temple : राम मंदिर के गर्भगृह की आधारशिला (ram janmabhoomi) रखे जाने के बाद लंबे समय से तराशे जा रहे पत्थरो का उपयोग शुरू होगा। राजस्थान के साथ पहली बार इसके लिए यूपी के कारीगरों को भी इस कार्य में लगाया गया है. साथ ही यह पत्थर राजस्थान और अयोध्या में कई नयी वर्कशाप में पत्थरों पर नक्काशी का कार्य किया गया है। बात की जाये पत्थर तराशने के कार्य की तो यह कार्य 1992 से निरंतर जारी है। गुलाबी पत्थरों वाले पिलर्स पर नक्काशी का कार्य किया गया। राम मंदिर के छत के पत्थरों को तराशने काम भी हुआ है.
इस स्थान पर पहली बार पत्थर तराशने के लिए अस्थाई कार्यशाला का निर्माण किया गया है, जिसमें अभी 15 कारीगर काम कर रहे हैं लेकिन शीघ्र ही इनकी संख्या 50 होने वाली है. ऐसी ही 3 कार्यशाला राजस्थान में भी स्थापित की गयी है, जहां से पत्थरों को तराशने के बाद अयोध्या लाया जा रहा है।
राम मंदिर कैसे बनेगा? राम मंदिर का निर्माण किस तकनीक से होगा?
आपको बता दें कि भव्य राम मंदिर (ayodhya mandir) के निर्माण में सीमेंट और सरिया आदि का प्रयोग नहीं होगा। यह राम मंदिर की नई तकनीक से मंदिर को ऐसा बनाया जा रहा है जिससे हजारों सालों तक मंदिर जस का तस ही रहेगा जर्जर नहीं होगा। यह तकनीक लिंगराज मंदिर, कोणार्क मंदिर, खजुराहो के मंदिर वाली तकनीक होगी। jai shree ram in hindi: जीं हॉ दोस्तों इन तीनों मंदिरों की निर्माण शैली की बात की जाये तो यह नागर शैली में बनाया गया मंदिर है और ठीक इसी प्रकार से विश्व प्रसिद्ध कला शैली का उपयोग राम मंदिर के निर्माण (ram mandir nirman )में किया गया । बात की जाये डिजाईन की तो भव्य ayodhya ram mandir का राम मंदिर बनाने में 2 लाख 63 हजार घनफीट तक का पत्थर लगेगा।
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क्या है नागर शैली ?
ram mandir new – राम मंदिर का नक्शा बनाने के लिये जिस शैली का इस्तेमाल किया गया है उस शैली का नाम उत्तर भारत की नागर शैली है। बात की जाये नागर शैली की तो यह शैली उत्तर भारतीय हिन्दू स्थापत्य कला की जो तीन शैली है उनमें से एक शैली है । नागर शैली की दो बड़ी विशेषताएं हैं इसकी विशिष्ट योजना और विमान। नागर शैली का उपयोग करते समय आयताकार भूमि का उपयोग प्राय: किया जाता है एवं इसका पूर्ण आकार तिकोना हो जाता है इसका कारण यह है कि बीच के दोनों ओर क्रमिक विमान होते हैं।
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