Keshkal Ghati : केशकाल घाटी कोंडागांव जिले की केशकल तहसील में स्थित है और यह कोंडागांव-कांकेर के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर स्थित है। केशकाल घाटी वन्यजन, पहाड़ियों, और सुंदर वक्रों के लिए प्रसिद्ध है। यह छत्तीसगढ़ में एक बड़े भंवर या बारह घुमावदार मोड़ के रूप में भी जाना जाता है।
केशकल घाटी की ख़ासियत
केशकाल घाटी के माध्यम से गुजरने वाले 4 किमी हाईवे और इसमें स्थित 12 घुमावदार मोड़ यात्रीयों के लिए रोमांच और आनंद का स्रोत हैं। यहां तेलिन सती माता का मंदिर सड़क के किनारे स्थित है और थोड़ी दूरी पर भांगराम माई का पवित्र स्थान है, जिसे न्याय की देवी के रूप में माना जाता है। यात्री तेलिन सती मां के मंदिर में रुकते हैं और धार्मिक महत्व के दर्शन करने के बाद अपने गंतव्य की ओर बढ़ते हैं। इसका मानना है कि यहां की यात्रा सुखद होती है।
केशकल घाटी का इतिहास : Keshkal Ghati Ka Itihah : History of Keshkal Ghati
1910 में अंग्रेजों ने इस घाटी पर एक सड़क बनाई थी, जो केशकाल घाटी को बस्तर और पूरे छत्तीसगढ़ के साथ जोड़ती है। बरसाती दिनों में, बड़े पत्थरों की सड़क के गिरने के कारण यहां लंबा जाम बनता है, और यहां केवल यही रास्ता है जो यात्री वाहक ट्रेनों के लिए उपयुक्त है। इस समस्या को हल करने के लिए, पीडब्ल्यूडी और नेशनल हाईवे ने 11.5 किमी लंबा नया बाईपास बनाने का निर्णय किया है, जो कांकेर की ओर से जाने वाले यात्रीयों के लिए एक सुधार होगा।
केशकाल घाटी कोंडागांव को बस्तर और पूरे छत्तीसगढ़ के साथ जोड़ती
केशकल घाटी में स्थित सती मंदिर को “तेलिन घाटी” के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें तेलिन माता का मंदिर स्थित है और थोड़ी दूरी पर भांगराम माई है, जो न्याय की देवी के पवित्र स्थान के रूप में मानी जाती है। यात्री तेलिन सती मां के मंदिर में रुकते हैं और मां के दर्शन करने के बाद अपने गंतव्य की ओर बढ़ते हैं।
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